आचार्य नागार्जुन
प्रस्तावना : पालि साहित्य की भाँति बौद्ध संस्कृत साहित्य की भी समृद्धशाली साहित्य परंपरा रही है। अश्वघोष, बुद्धपालित, भावविवेक, असंग, वसुबन्धु , दीङ्नाग, धर्मकीर्ति इन्होंने संस्कृत बौद्ध साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया हैं। उसीप्रकार आचार्य नागर्जुन ने भी संस्कृत बौद्ध साहित्य Read More