श्रीलंका का लोहपासाद :प्राचीन से वर्तमान समय तक

प्रस्तावना :- इसा पुर्व तिसरी शताब्दी में  थेर महिन्द द्वारा श्रीलंका में बौद्धधम्म का प्रवेश  हुआ। थेर महिन्द एवं थेरी संघमित्रा के प्रयासों द्वारा शीघ्र ही श्रीलंका बौद्धमय हो गया। श्रीलंका में बौद्ध स्थापत्य कला का उगम एवं विकास भी Read More

सम्राट अशोक द्वारा निर्मित 84000 विहार: दीपवंस के सन्दर्भ में

प्रस्तावना :- पालि साहित्य में साहित्य के अनेक प्रकार पाये जाते है। पालि साहित्य में  इतिहास साहित्य प्रकार वंस साहित्य के नाम से  प्रचलित  है। वंस साहित्य की निर्मिति श्रीलंका, म्यानमार और थायलंड इ. बौद्ध राष्ट्रों में हुयी है।   दीपवंस Read More

दीपवंस ग्रन्थ में वर्णित महाविहार

प्रस्तावना :- दीपवंस वंस साहित्य का सर्वप्रथम ग्रंथ है। दीपवंस इस ग्रंथ द्वारा प्राचीन भारत और प्राचीन श्रीलंका के सामाजिक, सांस्कृतिक, भौगोलिक इतिहास के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है। साथ ही प्राचीन भारत और श्रीलंका के बौद्ध कला Read More