भगवान गौतम बुद्ध को समस्त विश्व जानता है। भगवान बुद्ध समझदारी से जीवन जीने,सेहत का ध्यान रखने की, क्रोध न करने और किसी भी तरह हिंसा न करने की तथा जीवन में त्याग को अपनाने की सिख देते है। 
इस लेख में भगवान बुद्ध के कुछ खास उपदेशों का समावेश किया गया है।

1.शांति पर बुद्ध का उपदेश

न हि वेरेन वेरानि, सम्मन्तीध कुदाचनं।

अवेरेन च सम्मन्ति, एस धम्मो सनन्तनो॥

अर्थात :

बुराई से  बुराई कभी ख़त्म नहीं होती, घृणा को तो केवल प्रेम द्वारा ही समाप्त किया जा सकता है ,यह शाश्वत सत्य है।

आलसी और उद्योगरहित व्यक्ति के सौ वर्ष के जीवन से दृढ़ प्रयास करनेवाले व्यक्ति का एक दिन का जीवन श्रेष्ठ है।

2.स्वनियंत्रण पर बुद्ध का उपदेश

यो सहस्सं सहस्सेन, सङ्गामे मानुसे जिने।

एकञ्‍च जेय्यमत्तानं  स वे सङ्गामजुत्तमो॥

अर्थात :

जीवन में हज़ारों लड़ाईयाँ जितने अच्छा है कि तुम स्वयं पर विजय प्राप्त कर लो। फिर वह उत्तम विजयी कहलाता है।

 

3.कठिन परिश्रम पर बुद्ध का उपदेश

यो च वस्ससतं जीवे, कुसीतो हीनवीरियो।

एकाहं जीवितं सेय्यो, वीरियमारभतो दळ्हं॥

अर्थात :

आलसी और उद्योगरहित व्यक्ति के सौ वर्ष के जीवन से दृढ़ प्रयास करनेवाले व्यक्ति का एक दिन का जीवन श्रेष्ठ है।

4.शिक्षा (दंड)पर बुद्ध का उपदेश

सब्बे तसन्ति दण्डस्स, सब्बे भायन्ति मच्‍चुनो।

अत्तानं उपमं कत्वा, न हनेय्य न घातये॥

अर्थात :

सभी दंड से डरते है ,सभी को मृत्यु का डर लगता है। इसप्रकार सबको अपने जैसा समझना चाहिए। न किसी को मारे, न मारने के लिए प्रेरित करे।

5.अहिंसा पर बुद्ध का उपदेश

सब्बे तसन्ति दण्डस्स, सब्बेसं जीवितं पियं।

अत्तानं उपमं कत्वा, न हनेय्य न घातये॥

अर्थात :

सभी दंड से डरते है, सभी को जीने की इच्छा  है। इसप्रकार सबको अपने जैसा समझना चाहिए। इसलिए मनुष्य न  प्राणी घात करे,न प्राणी घात के लिए प्रेरित करे।

इसप्रकार कुछ खास भगवान बुद्ध के उपदेशों का समावेश इस लेख में किया गया है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *